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फिर तेरी कहानी याद आई 'ऑड ईवन'

जीं हां, दिल्ली में फिर एक बार ऑड ईवन स्कीम लागू होगी। अगामी 4 नवंबर से 15 नवंबर तक ऑड तारीख पर ऑड नंबर वाली प्राइवेट गाड़ियां तथा ईवन तारीखों पर ईवन नंबर वाली गाड़ियां चलेगी। इस बार केजरीवाल सरकार नियम में छूट वाले गाड़ियों के प्रावधान में भी फेरबदल कर रही है। ऑड ईवन मुख्यत: दिल्ली में बढ़ती प्रदूषण को ध्यान में रखकर बनाया गया था जिससे की दिल्ली में चलने वाले लाखों गाड़ियां प्रदूषण की चरम अवधि के समय आधी हो जाए जो कि हर साल नवंबर-दिसंबर और जनवरी माह में होता है।
2016 में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्व विद्याालय के सर्वे में कहा गया था कि दिल्ली में प्रदू्षण का 38% भागीदारी यहां ऑटोमोबाइल के कारण है। अत: सम विषम योजना लागूकर दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। परन्तु यह देखने में आया है कि जब एनजीटी प्रदूषण को लेकर संज्ञान लेती है तभी दिल्ली सरकार भी सक्रिय होती है। 2018 में एनजीटी की पहल पर दिल्ली में सार्वजनिक कूड़ा जलाने पर एवं इंडस्ट्रीयल एरिया में सख्ती बरतने एवं उच्च जुर्माना  निर्धारित करने एवं सख्ती से पालन करने पर दिल्ली में ऑड ईवन की जरूरत नहीं पड़ी थी और 2018 का एवरेज प्रदूषण भी कम था जिसको केजरीवाल सरकर अपनी सफलता बता रही थी। परन्तु पुन: प्रदूषण के प्रति उदासीन एवं इंडस्ट्रीयों की निगरानी उचित रूप से ना करने से दिल्ली की प्रदूषण स्तर उच्चतम स्तर को छू रहा है। साथ ही पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर अड़ने से स्थिति और भी खतरनाक हो गई है।
ऑड ईवन को प्रदूषण के हल के रूप में उपयोग करना वैसे ही हो जाएगा जैसे बीमारी को दबाने के लिए एंटी बायोटिक लेना और एक समय ऐसा आएगा जब ऑड ईवन भी दिल्ली के प्रदूषण पर असरहीन हो जाएगा। अत: सरकार को उद्योगों के विकेंद्रीकरण (विशेषत: दिल्ली एनसीआर के संदर्भ में) पर पुनर्वास योजना बनाकर फक्ट्रियों को दिल्ली एनसीआर से बाहर प्रतिस्थापित कराने की योजना बनाकर उसे क्रियान्वित करना चाहिए। दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण के संदर्भ में जिम्मेदारी सिर्फ दिल्ली सरकार की ही नहीं बनती, बल्कि एनसीआर क्षेत्र के बाकी सरकारों के साथ केंद्र सरकार और पंजाब सरकार की आपसी तालमेल से ही नियंत्रित किया जा सकता है। अन्यथा दिल्ली एनसीआर के करोड़ों आबादी के लोग प्रदूषण के कारण बेमौत मारे जाएंगे।
इस बार ऑड ईवन योजना के उल्लंघन पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा जो चालान काटा जाएगा उसकी जुर्माना राशि 4000 रुपए होगी, जो यह साफ दर्शाता है कि केजरीवाल सरकार हाल में नए मोटर व्हिकल एक्ट के तहत बड़े हुए जुर्माना राशि के कानून से अपनी सहमति जता दी है और अपने इस योजना की जुर्माना भी उसी के अनुरूप बढ़ा दी है। इस तरह ऑड ईवन एपिसोड 5 के साथ ही दिल्ली वालों को फर तेरी कहानी याद आई 'ऑड ईवन' बोलना पड़ेगा।

वर्ष       तारीख      महीना       जुर्माना
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2015     1-15         जनवरी        2000
2016     1-15         जनवरी        2000
2016     15-30       अप्रैल         2000
2017     13-17       नवंबर         2000   
2019      4-15        नवंबर        4000   

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